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अल्फा कणो का प्रकीर्णन/परमाणु नाभिक


अल्फा कणो का प्रकीर्णन

=अधिकतर कण पन्नी से सीधे निकल जाते थे इससे यह मालूम हुआ की परमाणु में अधिकतर रिक्त स्थान है=कुछ ही कण अपने मार्ग से विचलित हो जाते थे इससे यह मालूम हुआ की परमाणु केंद्र धनावेशित है जो बहुत छोटा है=कुछ ही कण से अधिक कोण पर विचलित हो जाते थे इससे यह मालूम हुआ की परमाणु केंद्र में जो धनावेशित भाग है वह अधिक कठोर है

परमाणु नाभिक

जिसमे परमाणु का लगभग समस्त द्रव्यमान केंद्र में निहित होता है उसे परमाणु नाभिक केंद्र कहते है

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